पहली नजर का प्यार क्या होता है
पहली नजर का प्यार क्या होता है
कितने ही गायक,कवि,लेखक और दार्शनिकों ने अपनी रचनाओं में पहली नजर के प्यार का जिक्र किया हैं। आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी इतनी प्रगति कर चुके हैं, और मनोवैज्ञानिकों ने पहली नजर के प्यार पर अनुसंधानों से हुए नतीजों में जो कुछ पाया वह तर्कसंगत है ।
तो आइये हम बात करते हैं सबसे पहले, पहली नजर में प्यार के खिलाफ तर्क से एक तर्क तो यह है कि पहली नजर का प्यार व्यक्ति के बाहरी रूप, रंग और आकर के आधार पर होता है न कि उसके व्यवहार को देख कर ।
और दूसरा तर्क यह कि वह प्यार कैसा जिसमें आप उस इंसान को जानते ही नहीं और प्यार करने लगते हैं ।
दोनों ही तर्क काफी हद तक सही हैं और एक दूसरे से जुड़े भी हुए हैं ।
देखा जाए तो, इन तर्कों में भी दम है जब आप पहली बार किसी को देखते है और वह आपको आकर्षित लगती या लगता है, आपको उसके व्यक्तित्व का पता भी नहीं होता है, और आप प्यार कर बैठते हैं । कितने ही लोग हैं जो यह भी कहते हैं की जिनसे उन्हें पहली नजर का प्यार हुआ उनसे उनके सम्बन्ध ठीक नहीं रहे ।
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उन्हें लगता है की जिसे पहली बार देखने पर अच्छा लगता है, उसके साथ समय बिताना भी अच्छा लगेगा ।
हालाँकि उस व्यक्ति के साथ समय बिताने से प्यार की जो कल्पना दूसरे व्यक्ति के मन में होती है उस पर मतभेद हो सकता है।
पर यह सही नही है जब हम किसी से पहली नजर का प्यार कर बैठते है तो अक्सर हम उसकी गलतियों को भी नजरअंदाज कर देते हैं । एक प्रकार से प्यार हमें अँधा बना देता है और उसकी गलतियां भी हमें बुरी नही लगती । हालाँकि यह बात हर पहली नजर के प्यार करने वाले पर लागू नहीं होती ।
दूसरी बात यह कि दो बातें हमेशा हमें भ्र्म में डालती हैं एक संबंधो को आप कितने दिन तक साथ निभाते है और दूसरा प्रेम आप किस हद तक करते है ।
पहली नजर का प्यार उसके करने वाले की तीव्रता पर निर्भर करता है जबकि सालों साल चलने वाला प्यार उसके प्यार भरे संबंधों पर टिका होता है ।
हालाँकि दोनों बातें एक दूसरे पर टिकी होती हैं ।
सिर्फ इसलिए कि आप को उनसे पहली बार देखते ही प्यार हो गया,प्यार ज्यादा दिन नहीं चलता इसका मतलब यह नहीं कि यह प्यार ही है या यही सच्चा प्यार है ,
अतः हम इन सब निष्कर्ष के आधार पर कह सकते है कि, यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि क्यों कोई व्यक्ति सिर्फ एक व्यक्ति के लिए आकर्षित होता है, जबकि दुनिया में इतने आकर्षित लोग है ।
स्पीड डेटिंग प्रतियोगिताओं में परीक्षण से यह पता चलता है की अगर उस एक नजर में ही कोई यह यह पता कर लेता है की उस व्यकि का व्यवहार, उसका दिखावा उसके अनुकूल है तब सवाल यह नहीं है की प्यार पहली नजर में हो सकता है,बल्कि सवाल यह है की कैसे उस प्यार को बरकरार रखा जाए ।
कभी कभी पहली नजर के प्यार से बने रिश्ते को धीरे धीरे विकसित करने में उस प्यार का अस्तित्व लोग खो देते है, वे इसकी चिंता नहीं करते की पहले वे किस तरह बात किया करते थे ।
इसलिए सिर्फ प्यार में पड़ने के अलावा हमें यह भी सीखना होगा की कैसे प्यार के साथ जिया जाए |
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